Friday, 31 May 2013

आश्रम का साधू बाबा

  1. आश्रम का साधू बाबा

ये कहानी एक ऐसे आश्रम की है जो आश्रम महिला आश्रम था वहा पे वो ओरते रहे टी थी जिन ओरत तो के पति मर जाते है ओर बाद में उस ओरतो के घर वाले उस को चुरेल दायाँ ओर कुल्विन्स्नी समाज के उस को घर से बहार निकल देते थे आज भी हमारे देस में ऐसे सब होता आरहा है ये आश्रम यहाँ से बोहोद दूर भारत के उतर दिसा के ओर एक घने जानल में है ये आश्रम

आश्रम में एक साधू बाआ बा है ओर उन के आलावा आश्रम की महिला ये साधू बाबा एस आश्रम में ही रहे ते है हाला की एस आश्रम में किसी भी पुरुस को रहे ने की अनु मति नहीं है

लेकिन साधू बाबा उस आश्रम में सब का इलाज़ कर ते है साधू बाबा ने कही सालो तक हिमालय पर्वत पे तपस्या की है ओर इतना ही नहीं उन नो ने कलिविधिया जिस को हम english में black Magic

भी ते है ओर साधू बाबा वह आयर्वेध से भी सब महिला ओ का इलाज़ कर ते है कियो आश्रम में कुछ महिला ऐ सी भी है जिन को पुस्त रोग ये वो रोग है जिस को हम छुट की बीमारी भी कहे ते है

आश्रम जेसे खाने पिने की योव्स्ता के लिए कुछ गाव वाले जेसे अनाज सभ्जी जेसे भेज देते है ओर बदल ले में आश्रम के साधू बाबा उन सब को जब भी बीमार पड़े तो उन का इलाज़ मुफ्त में कर देते है आश्रम में करीब 27 ओरत है जिन में से 12 महिला औ की उमर सिर्फ 15 से 17 साल की है अकसर गाव में छोटी उमर में ही लड़की ओ की सदी करवा दी जाती है अपने से बड़ी उमर के लडको से बाद में वो बोहोद जल विधवा बन जाती है

ओर 15 महिला ओ की उमर 20 से 25 सा की है जिन में से 5 महिला को पुस्त रोग है आश्रम में सभी महिला ओ आश्रम के छोटे मोटे काम कर के अपने दिनन बिता रही थी जेसे बर्तन मांजना जरू लगान खाना बनाना वेसे सब साधू बाबा की उमर बोहोद जियदा थी एस लिए वो जियदातेर अपने कुतिया आश्रम का रूम में ही पड़े रहे ते थी वो अक्सर साधू बाबा के पैर में दरद होता था एस लिए वो आश्रम की किसी भी ओरत को रात को अपने कुतिया में बुलवा के अपने पैर दबवाता था

एक दिन की आश्रम के बहार एक लड़की कड़ी थी ओर गाव के कुछ बच्चे उस को पत्थर मार रहे थे ये देख के आश्रम की एक महिला ने उस को गाव के बछो से बचाया ओर उस को आश्रम में ले आई जब आश्रम की उस महिला ने उस को उस का नाम पूछा तो वो कुछ नहीं बोली ओर अपना सर गुज ने लगिया ओर उस लड़की के सरे कपडे इधर उधर से फटे हुए थे

बाद में जब गाव का सरपंच साधू बाबा को मिल ने आया तो उस ने एस लड़की को देख के कह की अरे ये पगली एस आश्रम में कर रही है तब आश्रम की उस महिला ने ये बात सुन के चोक गई की किया ये लड़की पागल है सरपंच बोल हां बेहेन ये लड़की पागल है पिच ले 1 मणि ने से पता नहीं कहा से आगई है हम सब गाव वाले भी एस को देख के हेरन है फिर आश्रम की महिला उस पागल लड़की को साधू बाबा के पास ले गई ओर बाबा से कहा की बाबा ये लड़की अपने आश्रम के बहार थी एस को कुछ बच्चे पत्थर मार रहे थे में उस लड़की को अंडर ले के आई

साधू बाबा ने उस लड़की को ढोर ढोर के देखा उस के सरे कपडे फटे हुए थे तब साधू बाबा ने कहा की ठीक है जेसे बाकि साडी महिला ये एस आश्रम में रहे रही ही एस को भी ये ही रहे ने दो ओर एस लड़की को भी आश्रम के कपडे दे दो आश्रम में सिर्फ एक साडी ओर घाघरा ओर पोल्कू दिया जाता हैवो भी लाला रंग का ओर बाबा ने कहा की हम अपने प्र्छिं अवसर्धि से एस लड़की के पागल पण का इलाज़ ज़रु करे गे

ओर बाबा जंगल में चले गए अओव्सर्धि को धुंद ने जंगल में जा के साधू बाबा को जरिबुतिया मिल गई ओर साधू बाबा को आते आते साम हो गई थी साधू बाबा आये तब रात के 10:00 Pm हो छु के थे आश्रम में सभी महिला ये सो गई थी सिर्फ एक ही महिला जग रही थी उस ने साधू बाबा के आने का इंतज़ार कर रही थी ओर जब बाबा को देख तो उस कहा की बाबा इतनी देर लग गई आप को सब खुसाल मंगल है ना

साधू बाबा ने कहा की हाल ज़रिबुती को दुंद ने में थोडा समय लग गया तन आश्रम की उस माहि ल ने कहा की ठीक है आप पहे पहेले खाना खाली जिए ओर साधू बाबा ने खाना खा लिया ओर फिर जरिबुती यो को एक पत्थर पे रख के बाबा ने उस को पिस के एक लैंप बना दिया ओर कहा की वो लड़की कहा है उस को ये लैंप लगा न होगा अभी तब महिला ने कहा की बाबा वो लड़की तो सो गई है

तब साधू बाबा ने कहा की ये जरिबुती को रात में ही लगे जाती है बदन पे सरे बदन पे

अगेर दिन में लगा ओ गे तो ये असर नहीं करे गी ये जरी बूटी चंद्रमा की रोशनी में ही अपना काम कर टी है तब उस महिला ने कहा की ठीक है ये बाबा में उस लड़की को ये लेम्प लगा देटी हु तब बाबा ने कहा की नहीं बेटी ये जरिबुती को ला ने की एक विधि है उस को सिर्फ वाही लगा सक ता है जो अपने जीवन में कभी सदी नहीं की हो ओर वो योकती अथवा वोयक्ति कुवर हो सदी न हो वाही लगा सकता है एस जरिबुती से बने हुए लेम्प को ओर बेटी तुम हरी तो सदी हो गई थी ओर तुम एक विधवा महिला हो

साधू बाबा ने कहा की तुम अब जा के सो जा ओ में उस लड़की को लेम्प लगा के हु ओर वो महिला अपने कुतिया में जा के सो गई ओर इधर साधू बाबा उस लड़की को जिस कुतिया में रखा था वो उस कुतिया में जा के कुतिया का दरवाजा बांध कर दिया ओर कुतिया में एक छोटा सा दिया जल दिया साधू बाबा को दिखा इ दे साधू बाब ने जेसे ही दिया जल या तो देखा की पागल लड़की बिस्टेर पर सोई हुई थी ओर वो एक साडी में थी वो लड़की इतनी कमल की दिख रही थी की कोई भी होता तो उस लड़की के खुबसूरत बदन पे मर मीत ता

साधू बाबा के एक साइड पे बेथ गए ओर एक हाथ से पहे ले साडी को कर दिया ओर जेसे ही साडी को अलग कर दिया तो वो लड़की की बूब साम ने आ गये ओर साधू बाबा वासना के वस् में हो गए उस लड़की की उमर करीब 15 साल की थी पतली कमर गोरा रंग कसा हुवा जिसम बाबा ने फिर उस लड़की का घाघरा ओर पोल्कू दो नो ही निकल के लड़की को नागा कर दिया ओर लड़की के बूस को दबा ने लगा ओर एक साइड के बूब्स के निपुल्स को साधू बाबा ने अपने मुह में लिया ओर ने से ओर लड़की नीद में ही कहरने लगी थी फिर बाबा ने अपने धोती ओर कुरता निकल के लड़की के लेट गए

अब साधू बाबा ने अपना आप को पागल लड़की के दो नो टांगो को खोल दिया ओर अपने लंड को पागल लड़की के चूत के बुर में रगर ने लगा था ओर लड़की कहरने लगी थी वो नीद में थी एस लिए वो नहीं बाबा अपने लंड को जोर जोर से पागल लड़की की चूत के बुर में रगड़ रहा था अच्छा नहिक लड़की की चूत से गरम गरम लड़की का पानी निकल ने लगा बाबा ने वो गरम गरम पानी को अपनी ऊँगली चूत में दाल के सारा पानी निकल के अपने लंड पे मॉल रहा था जिस से लैंड चिकना हो जाये पागल लड़की अभी तक कुवारी थी एस लिए उस की चूत का बुर बोहोद ही छोटा था ओर बाबा का लैंड 9 इंच तक लम्बा ओर 2 इंच मोठा था

अब साधू बाबा का लंड भी हो गया था अब बाबा ने देर की ये ही अपने लंड को पागल लड़की की चूत के छेद में टिका दिया ओर पागल लड़की के होतो को अपने मुह में भर लिया ओर एक जबरदस्त धक मर जिस से लंड 4 इंच तक गुस गया ओर लड़की नीद में ही जतपता ने लगी ओर अपने हाथ पैर चला ने लगी लेकिन बाबा ने उस को कास के पकड़ के रखा था ओर उस को अपने से चिपका लिया ओर अभी पागल लड़की का दरद से मारे हाल ख़राब हो चुकी थी उस की चूत से खून ऐ से जरह था जेसे किसी नर से पानी टपकता हो टिप टिप टिप ओर फिर साधू बाबा ने अब तक का सब से बड़ा जोरदार जतका मर ओर 5 इंच लंड चूत में गुस्स गया अब लड़की की सील टूट गई थी वो जा पता रही थी ओर साधू बाबा उस के होतो को अपने मुह में ले के चुसे जा रहे थे

करीब 15 मिनती के बाद लड़की का दरद कम हुवा ओर अब साधू बाबा ने अपनी कमर को उपर नीछे कर न सुरु कर दिया था 10 मिनिट के बाद फिर एक बार लड़की जार गई ओर साधू बाबा के लैंड को अपनी चूत के रस से साधू बाबा के लैंड को नेहे ल दिया ओर लैंड को ओर ची चिप कर दिया अब साधू बाबा ओर जोर जोर से ढके मार रहा था पुरे कमरे में हल की हल की सी आवाज़ गुन्ज रही थी लंड ओर चूत के उनदेरर बाहर होने की आवाज़ पुचुक पुचुक पूछक कमरे में मननो एक संगीत चल रहा था अब तक की चुदाई में 30 मिनिट हो गए थे ओर अब साधू बाबा जार ने वाले थे ओर 5 मिनिट के बाद साधू बाबा जार गए पागल लड़की की छुट में अपर अपना सारा गरम गरम पानी पागल लड़की की चूत में ही दाल के उस के उपर लेट गए

15 मिनिट तक वो पागल लड़की के उपर ही साधू बाबा लेते रहे ओर 10 मिनिट ताल लंड से गरम गरम विरिया निकल ता रहा फिर साधू बाबा उठ के पागल लड़की को उस के कपडे पहे ने दिए ओर वह से पाने कुतिया की ओर चले गए सुभ जब हुई तो लड़की को अपने टैंगो के बिच में दरद हो रहा था वो ठीक से चल नहीं परही थी ओर अब बाबा अक्सर उस पागल लड़की को रात में कर ने वाली जरिबुती पिला देता है फिर उस का बलात्कार कर ता है

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